लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की सियासत में बड़े तूफान की संभावना तेज होने लगी है। बीते कुछ समय से विरक्षी दलों से नाराज चल रहे बिहार सीएम नीतीश कुमार के फिर से भाजपा के संपर्क में होने की खबरें हैं। राजद सुप्रीमो लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य भी इशारों में नीतीश पर हमला कर रही हैं। इस बीच बड़ा जावा सामने आया है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में भी नीतीश की वापसी के मुद्दे को लेकर चर्चा हो रही है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
पीएम मोदी, शाह और नड्डा में चर्चा
सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के संपर्क में बने हुए हैं। दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार के मुद्दे को लेकर पीएम मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से करीब 3 घंटे तक चर्चा की है। अगर ये दावा सही होता है तो बिहार की सियासत में जल्द ही बड़ा बदलाव दिखाई दे सकता है।
राहुल गांधी के साथ नहीं दिखेंगे नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 30 जनवरी को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पूर्णिया में होने वाली रैली में नहीं शामिल होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 30 जनवरी को नीतीश का पटना में ही कार्यक्रम है और उनका पूर्णिया की रैली में जाना संभव नहीं है। नीतीश कुमार को लेकर कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं और INDI अलायंस के साथ-साथ महागठबंधन का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है।
अमित शाह ने बीते दिनों दिया था हिंट
हाल ही में एक इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नीतीश से जुड़ा सवाल किया गया था। उनसे पूछे गया- “पुराने साथी जो छोड़कर गए थे नीतीश कुमार आदि, ये आना चाहेंगे तो क्या रास्ते खुले हैं?” इसके जवाब में अमित शाह ने कहा था- “जो और तो से राजनीति में बात नहीं होती। किसी का प्रस्ताव होगा तो विचार किया जाएगा।” बता दें कि इससे पहले भाजपा नेताओं द्वारा नीतीश से किसी भी तरह के गठबंधन को लेकर सीधे इनकार किया जाता था। हालांकि, नीतीश को लेकर अमित शाह के इस बयान ने नई सियासी चर्चा शुरू कर दी थी।
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